सब पर है हक़ मेरा हिन्दी कविता ( Hindi Shayari )
ये धरती, ये हवा
पानी और फ़िज़ा ।
सब पर है हक़ मेरा ......२
पंख लगा के उड़ने को,
मन करे ये मेरा ।
उड़ के छू लू गगन को ,
मन कहे ये मेरा ।
ये नदियाँ , ये सागर
खेत और खलियान ।
सब पर है हक़ मेरा.......२
ख़ुशबू चुरा लू फूलो से ,
मन करे ये मेरा
मैं हू उड़ती पवन
छू लू सारे नज़ारे
मन कहे ये मेरा।
सब पर है हक़ मेरा...... २
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